भारतीय वनों के प्रकार इस प्रकार हैं

1- उष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं अर्ध सदाबहार वन
2- उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
3- उष्णकटिबंधीय शंकु धारी वन
4- उष्णकटिबंधीय पर्वतीय वन
5- मैंग्रोव वन

1- उष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं अर्ध सदाबहार वन क्या है
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पश्चिमी घाट में पाए जाते हैं और यहां 200 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है यह साल भर हर ऋतु में वर्षा होती है यह वर्षा और तापमान में अधिकता के कारण वनों का उच्च विस्तार होता रहता है जिसमें व्यावसायिक रूप से उचित पेड़ चंदन की लकड़ी , शीशम ,रबर, सिनकोना, यह पश्चिमी तट और पश्चिमी घाट वाले स्थान में पाए जाते हैं

2- उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन से क्या समझते हैं
इस प्रकार के वन भारत में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं यहां 200 सेंटीमीटर से 70 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है सालाना । इन्हें मानसून वन भी कहते हैं और शरद ऋतु में इन वनों के पेड़ों से पत्तियां गिर जाती है
*यह दो प्रकार के होते हैं
1 उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन
इनमें 200 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर तक वार्षिक वर्षा होती है यह पश्चिमी घाट वाले स्थान और पूर्वी भारत वाले स्थान में पाए जाते हैं यहां पे जाने वाले प्रमुख वृक्ष  :- सागवान , शीशम ,चंदन ,शहतूत
2-  उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन
इनमें 100 सेंटीमीटर से 70 सेंटीमीटर तक वार्षिक वर्षा होती है और इनमें पाए जाने वाले प्रमुख पेड़ों में :- सागौन ,साल ,पीपल और नीम है .

3- उष्णकटिबंधीय शंकु धारी वन क्या है
इन वनों में 70 सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है साल में। यह वन कांटों से आच्छादित क्षेत्र में ज्यादा होता है इन वनों की कुछ प्रजातियां जैसे बाबुल ,ताड़ , खैर ।

4- उष्णकटिबंधीय पर्वतीय वन क्या है
पर्वती क्षेत्र में ऊंचाई में वृद्धि तथा तापमान में कमी होती है यह अधिकांश वन हिमालय के क्षेत्र दक्षिण तथा पूर्वी भारत की ऊंचाइयों वाले स्थान में पाए जाते हैं
1500- 3000 मीटर की ऊंचाई पर देवदार चीड।
3500  मीटर से ऊंचे स्थानों पर बुग्याल पाए जाते हैं जिन्हें अल्पाइन झाड़ियां के नाम से भी जाना जाता है

5- मैंग्रोव वन क्या है
इस प्रकार के वन समुद्र और नदियों के मिलने वाले क्षेत्रों में उगते हैं यह वन हमें समुद्र की लहरों से सुरक्षित भी रखते हैं यह छोटे पेड़ या झाड़ियां के रूप में पाए जाते हैं ये वन कृष्ण ,महानदी, गोदावरी ,गंगा की उपजाऊ डेल्टा के क्षेत्र में जहां समुद्र में मिलते हैं उन स्थान में पाए जाते हैं इन्हें कच्छ वनस्पति भी कहते हैं

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