भारत में आधिकारिक मुद्रा भारतीय मुद्रा INR है , जिसमें ₹1 आपका 100 पैसे के बराबर होता है , मुद्रा को जारी और इसका पूरा नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक करती है।

भारतीय सिक्को का इतिहास और उनका विकास
प्राचीन समय से ही सिक्कों का प्रयोग होता था, जैसा कि मौर्य काल में चाणक्य की पुस्तक अर्थशास्त्र में चांदी के सिक्कों का उल्लेख है।इसमें सोने, तांबे, शीशे के सिक्को का प्रचलन था। सबसे पहले भारत में शेरशाह सूरी द्वारा 1540 में रूपया को जारी किया गया।
जो की चांदी के सिक्के थे जिनका वजन 11.53 ग्राम था। ऐतिहासिक रूप से चांदी के सिक्कों को ही रुपया कहा ।
1873 में अमेरिका में बड़ी मात्रा में चांदी की खोज से चांदी का मूल्य गिरने लगा, इस घबराहट को रुपए में गिरावट के नाम से जाना गया । 1857 में ब्रिटिश सरकार ने भारत पर सीधा नियंत्रण कर दिया।
15 सितंबर 1899 के बाद मुंबई के टकसालों में सोने के सिक्कों को ढालना शुरू किया गया।
जॉन मेनाई कीग्स ने अपनी किताब में इंडियन करेंसी एंड फाइनेंस में यह कहा , 1900 -1901 के समय पर 8,229,262.50 US Dollar के बराबर सोने के सिक्कों को भारतीयों को दे दिए गए। जिससे ये मुद्रा के रूप में चलन हो सके, लेकिन यह असफल रहा ।
सरकार को इसका आधा हिस्सा भी वापस नहीं मिला, इसलिए उन्होंने इस कार्य को बंद कर दिया इसके बाद भारत सरकार द्वारा इन सोने के सिक्कों को 1901 में बैंक ऑफ इंग्लैंड को भेज दिए गया।

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ( EIC ) ने 1717 में मुगल सम्राट फर्रुखसियरी को सिक्के डालने का आदेश दिया था। 1792 में ( EIC ) ने अन्य सिक्कों को बंद कर दिया, उसके बाद 3 प्रकार के सिक्के ही रहे । जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी, मुगल और मराठा ही शामिल थे। बाद में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया के अपना नियंत्रण के बाद 1835 में सिक्का अधिनियम ले गए।
जिसमें ब्रिटिश राजा के नाम पर सिक्के ढालना शुरू किया । 1861 में कागजी मुद्रा अधिनियम लाया गया।

1835 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा ( बंगाल, मुंबई ,मद्रास ) तीनों प्रेसीडेंसी ने 1835 में अपने-अपने सिक्के को जारी किया ।1862 में नए सिक्कों को पेश किया गया जिसमें सभी रानी विक्टोरिया की तस्वीर और पदनाम भारत अंकित था।

20वीं सदी के दौरान रुपए के अपविभाजन
16 आना – 100 पैसे
8 आना – 50 पैसे
4 आना – 25 पैसे
2 आना – 12 पैसे
1आना – 6 पैसा
1/2 आना – 3 पैसा

Note – 1940 के बाद सिक्कों में काफी बदलाव किए गए । बाद के सिक्के यानी 1946 और 1947 में डाले सिक्कों में जॉर्ज पंचम और सम्राट की छवि तस्वीर और पीछे पर भारत का शेर तय किया था।
भारत में आजादी के बाद 1957 में भारत देश द्वारा पहला दशमलनीकरण सिक्का जारी किया गया । जिसमें ₹1 जोकि 100 पैसे के बराबर था।
सिक्के जो 1, 2, 5 , 10 , 25 और 50 के नए पैसे और एक रुपए का सिक्का शामिल था।

Note – जिसमें 1 का पैसा जो कांस्य का था। और 2, 5 ,10 के पैसे कप्रो -निकाल के थे।

Note – 1997 में 20 पैसे के सिक्को को बंद कर दिए गये तथा 1998 में 10 पैसे व 2002 में 25 पैसे के सिक्कों को भी बंद कर दिए गये।

Note – 2005 में नए 50 पैसे के सिक्कों को ढाला गया। जिनका उपनाम अठन्नी कहा जाता है परंतु 2011और 2016 में अंतिम बार इन सिक्कों को ढाला गया । अब ये सिक्के प्रचलन में बहुत कम देखे जाते हैं।

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