भारत में दिए जाने वाले खेल रत्न पुरस्कार
आजादी के बाद भारत में खेलो में पुरस्कार की स्थापना नहीं की गई थी। 1961 में पहला खेल पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार की स्थापना की गई ।फिर समय के साथ मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार की स्थापना की गई। जिससे खेलों में प्रतिभागियों को इन पुरस्कारों से सम्मान किया जाने लगा, ये पुरस्कार कुछ इस प्रकार हैं।

1- अर्जुन पुरस्कार के बारे में जानकारी


आजादी के बाद भारत देश में खेलों से जुड़े कोई भी पुरस्कार नहीं थे। इसी के साथ अर्जुन पुरस्कार की शुरुआत 1961 में की गई , जिससे देश में खेलों को बढ़ावा और प्रतिभागियों को खेलों के प्रति सम्मान के लिए यह पुरस्कार की स्थापना की गई। यह भारत का पहला भारतीय खेल पुरस्कार था , इस पुरस्कार का नाम प्राचीन भारत के महाभारत में अर्जुन से लिया गया है इसे खेल मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष दिया जाता है 1991 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से पहले अर्जुन पुरस्कार को सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता था।
इस पुरस्कार को 29 अगस्त को दिया जाता है, क्योंकि इस दिन मेजर ध्यानचंद की जयंती होती है । जिसे हम राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में भी जानते हैं इस पुरस्कार का चयन खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जिसमें खिलाड़ियों के 4 साल के प्रदर्शन को देखा जाता है।
अभी तक यहां पुरस्कार ( 2023 ) तक 941 व्यक्तियों को 1 टीम को दिया जा चुका है ।
Note – जिसमें दिए जाने वाली राशि 15 लाख रुपए दिए जाते है तथा इसके साथ पदक और प्रमाण पत्र दिया जाता है।

2- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के बारे में
यह पुरस्कार भारत का सबसे बड़ा खेल रत्न पुरस्कार है, इसकी शुरुआत 1991- 92 में हुई थी। शुरुआती समय में इसका नाम राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार था।
जिसे 6 अगस्त 2021 में बीजेपी की सरकार ने बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रख दिया। जो कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर है। यह पुरस्कार युवा और खेल मंत्रालय द्वारा इसका चयन करती है।

note – मेजर ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को 25 लाख रुपए की धनराशि के साथ पदक और प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।

प्रथम पुरस्कार प्राप्तकर्ता में।
*विश्वनाथ आनंद ( शतरंज ) को प्रथम बार यह पुरस्कार मिला।
*सबसे कम उम्र में यह पुरस्कार अभिनव बिंद्रा ( निशानेबाजी) ( 18 वर्ष ) को मिला ।
*2023 में यह शरद कमल को यह पुरस्कार दिया गया। जिसका संबंध टेबल टेनिस से है।

3- द्रोणाचार्य पुरस्कार के बारे में जानकारी
यह पुरस्कार आधिकारिक तौर पर खेल उत्कृष्ट प्रशिक्षको ( खेल कोच ) को दिया जाता है।
इस पुरस्कार की स्थापना 1985 में की गई। इस पुरस्कार का नाम महाभारत में गुरु द्रोणाचार्य के नाम पर दिया गया है, जिसे “गुरु द्रोण” भी कहते हैं। यह पुरस्कार खेल कोच को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
यह पुरस्कार भी युवा मामले व खेल मंत्रालय द्वारा इसका चयन किया जाता है। जिसमें उत्कृष्ट प्रशिक्षक को यह पुरस्कार दिया जाता है।

Note – इसमें दी जाने वाली राशि 15 लाख रुपए होती है तथा उसके साथ पदक और प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।

4- ध्यानचंद्र पुरस्कार के बारे में जानकारी
यह पुरस्कार एक life time achievement award है। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी पूरी जीवनी खेलों के योगदान में लगा दिया। इस पुरस्कार की शुरुआत 2002 से की गई।
यह पुरस्कार का नाम प्रसिद्ध हॉकी के खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर रखा है जिन्होंने 1926 से 1948 तक लगभग 20 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय खेलों में 1000 से ज्यादा गोल किए हैं।
इस पुरस्कार कि चयन प्रक्रिया चयन मंत्रालय द्वारा गठित समिति द्वारा किया जाता है आमतौर पर यह पुरस्कार 1 साल में तीन ही व्यक्तियों को दिया जाता है कुछ अपवाद है।
अभी तक ध्यानचंद पुरस्कार ( 2023) तक 84 खिलाड़ियों को दिया जा चुका है।

Note – ध्यानचंद पुरस्कार में दिए जाने वाली राशि 10 लाख रुपए होती है तथा इसके साथ पदक और प्रमाण पत्र दिया जाता है।

इस पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता :-
*शहुराज बिराजदार ( मुक्केबाज )
*अशोक दिवान ( हाकी )
*अपर्णा घोष ( बास्केटबाल )

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