• महिला आरक्षण की शुरुआत कहा से हुई
  • संसद में महिला आरक्षण की बात कहा से उठी
  • भारत देश को महिला आरक्षण की जरूरत क्यों पड़ी संसद में
  • संसद में महिला आरक्षण की बात कहा से उठी
  • महिला आरक्षण बिल से जुड़े कुछ बातें
  • वर्तमान समय में महिलाओं की सीट संसद में
  • महिला आरक्षण किस प्रकार होगा।
  • SC/ST महिलाओ के लिए यह किस प्रकार काम करेगा महिला आरक्षण बिल।
  • विधेयक कैसे लागू होगा।
  • छोटे राज्यों में जहां लोकसभा सीटों की संख्या कम है महिला आरक्षण का प्रावधान

महिला आरक्षण की शुरुआत कहा से हुई

  • भारत में सबसे पहले महिलाओ के लेये आरक्षण की बात 1931 में की गई थी।
  • 1947 में आजादी के बाद यह मुद्दा 1989 में उठा महिला आरक्षण के लिए जिसमें ग्रामीण स्तर तथा पंचायती स्तर पर आरक्षण की बात उठी।
  • 1992- 93 में p.v. नरसिम्हा राव उसे वक्त के प्रधानमंत्री थे उनके द्वारा महिलाओं को 33% आरक्षण का प्रावधान लागू किया पंचायत स्तर जो आप 33% से बढ़कर 50% कर दिया है ।

भारत देश को महिला आरक्षण की जरूरत क्यों पड़ी संसद में।
भारत देश जो CEDAW का हस्ताक्षरकर्ता है , जिसमें अन्य देश के साथ शामिल है जिसमें भारत देश जहां संसद में महिलाओं की भागीदारी के मामले में 141 वे नंबर पर है, भारत देश अपने अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में यह काफी पीछे है जिससे भारत देश को महिलाओं की हिस्सेदारी और महिला आरक्षण की जरूरत पड़ी संसद में इसलिए इस महिला आरक्षण बिल का उद्देश्य संसद में महिलाओं की भागीदारी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की है।

संसद में महिला आरक्षण की बात कहा से उठी

महिला आरक्षण बिल सबसे पहले 12 सितंबर 1996 में उसे वक्त के प्रधानमंत्री H.D.देवगोंडा ने पेश किया था, लेकिन उसे समय यह बिल पारित नहीं हो पाया ,यह विधेयक संविधान में 81वे संशोधन के रूप में पारित हुआ था। उसे समय इस बिल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए उप आरक्षण के प्रावधान तो था । पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई प्रावधान नहीं दिए गए थे, जिस संसद और लोकसभा के प्रत्येक चुनाव में 33 % आरक्षण महिलाओं के लिए लागू होगा । अटल बिहारी बाजपेई की सरकार ने भी यह बिल पास किया। पर इस बिल का काफी विरोध का सामना करना पड़ा 1998 में इस कारण यह पारित नहीं हुआ उन्होंने 1999, 2002 ,2003, 2004 को भी कोशिश की लेकिन सफल नही रहे। फिर 2008 में यूपीए सरकार ने इसे संसद में लाने की कोशिश की जहां राज्यसभा में यह काफी बहुमतों से पारित हुआ लेकिन यूपीए सरकार ने इसे लोकसभा में पारित नहीं किया क्योंकि उन्हें डर था इसके पारित करने पर उनकी सरकार को खतरा आ सकता है, जिससे यह बिल वैसा का वैसा ही रह गया फिर 2014 में मोदी सरकार आए जिन्होंने इस बिल पर पहले ध्यान नहीं दिया ,2019 में फिर दोबारा बीजेपी की सरकार आई जहां मोदी सरकार इस बिल को लोकसभा में रखा।

महिला आरक्षण बिल से जुड़े कुछ बातें
यह विधेयक जिसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा। यह विधेयक जो की 128 वां संविधान संशोधन विधेयक है इसी के साथ कानून मंत्री अर्जुन वंदन मेघवाल ने इसे लोकसभा में पेश किया।

वर्तमान समय में महिलाओं की सीट संसद में
इस समय लोकसभा सीटों मे 82 सीटों में महिलाएं हैं वही 31 सीटों में राज्यसभा में यह देखा गया है इसी के साथ ही लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी 15 % तथा राज्यसभा में 13 % होती है जो की काफी कम मात्रा में है महिलाओं की भागीदारी।

महिला आरक्षण किस प्रकार होगा।
अभी वर्तमान समय में लोकसभा में 543 सीटे हैं जिसमें से 181 सीटों में महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा ।जो की यह कुल सीटों का 33 % होगा, जिसमें महिलाओं की भागीदारी होगी इन सीटों में इसमें लोकसभा और राज्यो की विधानसभाओं में सीटे SC/ST के लिए भी आरक्षित का प्रावधान किया जाएगा। जिसमें महिलाओं के लिए लोकसभा में 181 सीटों का प्रावधान होगा । 2024 के चुनाव से यह प्रावधान शुरू कर दिया जाएगा।

SC/ST महिलाओ के लिए यह किस प्रकार काम करेगा महिला आरक्षण बिल।
इस समय लोकसभा में 543 सीटों में SC/ST सीटों के लिए 131 सीटे हैं ,जो की आरक्षित हैं लेकिन अब महिला आरक्षण विधेयक कानून बन जाने के कारण इसमें 43 सीटे महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी जाएगी, और यह 43 सीटे 181 सीटों में ही गिना जाएगा और बिन आरक्षित सीटे जिनकी संख्या 138 सीटे होगी। जिसमें किसी भी जाति की महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ सकती है। यह सीट केवल महिलाओं के लिए होगी ,जिसमें पुरुष भागीदार नहीं होंगे।

विधेयक कैसे लागू होगा।
कोई भी विधेयक सबसे पहले संसद में लोकसभा तथा राज्यसभा में से दो तिहाई बहुमत के साथ पास करना पड़ेगा । उसके बाद यह राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर करना पड़ेगा जिसके बाद यह विधेयक अधिनियम बन जाता है।

छोटे राज्यों में जहां लोकसभा सीटों की संख्या कम है महिला आरक्षण का प्रावधान
लद्दाख, पुडुचेरी जहां लोकसभा की एक-एक सीट हैं वहां यह हर 3 साल में एक बार महिलाओं के लिए आरक्षित होगा ,और अन्य जगह जहां दो सीटे मौजूद है वहां एक सीट महिलाओं के लिए दूसरी सीट पुरुषों के लिए और तीसरे साल में कोई सीट आरक्षित नहीं होगी।

9 thoughts on “संसद में महिला आरक्षण (नारी शक्ति वंदन ) के बारे में महत्वपूर्ण लेख :- Important articles about women’s reservation in parliament (Nari Shakti Vandan)”
  1. Hello there, just became aware of your blog through Google, and found
    that it is truly informative. I am gonna watch out for brussels.
    I will be grateful if you continue this in future. Numerous people will be benefited from your writing.
    Cheers!

  2. I am really impressed together with your writing talents as neatly as with the structure on your weblog.
    Is this a paid theme or did you customize it your self?

    Anyway stay up the excellent quality writing, it’s uncommon to peer
    a great blog like this one nowadays..

  3. Howdy! I could have sworn I’ve visited your blog before but after looking at
    a few of the posts I realized it’s new to me. Anyways, I’m definitely pleased I came across it and I’ll be book-marking it and checking
    back frequently!

  4. Currently it looks like Expression Engine is the top blogging platform out there right now.
    (from what I’ve read) Is that what you’re using on your
    blog?

  5. I want to express my gratitude for providing such valuable insights on a topic that greatly interests me. Your thorough analysis and the current information you’ve shared clearly establish your credibility as a go-to source for staying informed in the constantly evolving realm of blogging. By the way I am a Senior Researcher at Clickmen™ Social, a Social Media Marketing (SMM) Platform providing services throughout European Union, United States & Canada.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *