• सूचना का अधिकार 2005 ( R.T.I.)
  • सूचना का अधिकार R.T.I. क्या है
  • सूचना के अधिकार की जरूरत
  • सूचना के अधिकार की जरूरत
  • सूचना के अधिकार से जुड़े फायदे
  • सूचना का अधिकार लगाने की प्रक्रिया

सूचना का अधिकार 2005 ( R.T.I.)

  • अधिनियम – 15 oct 2005 .
  • लागू – 12 oct 2005
  • अध्याय – 6
  • अनुसूची – 2
  • धारा – 31

सूचना का अधिकार R.T.I. क्या है
R.T.I. जिसे हम सूचना का अधिकार ( right to information ) कहते है जो सूचना का अधिकार के अंदर आता है , जिसे 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ , जिसमें किसी भी नागरिक को सरकारी कार्यालय से जानकारी मांगने का अधिकार है। यह एक आम नागरिक का अधिकार है जो कि R.T.I. के तहत उसे यह जानकारी प्राप्त मिल सकती है , यह भ्रष्टाचार को कम करने के लिए लाया गया अधिनियम है जो 2005 में बना । जिससे सरकारी कार्यालय में हो रहे कार्यों को जानकारी को पारदर्शी करता है इसमें हम सरकारी विभाग ने किए गए कार्यों की जानकारी के बारे में पूछ सकते हैं, इसके अंतर्गत सरकारी विभाग के उनके विचार जो उनके प्लानिंग या गुप्त सूचना ये R.T.I. के अंदर नहीं आते , हम केवल सरकारी विभाग द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी को ले सकते हैं ।

सूचना के अधिकार की जरूरत
अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 250 वर्षों तक राज किया , ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1923 में भारत के शासकीय के लिए गोपनीय अधिनियम बनाया गया , जिसके तहत सरकार का अधिकार था कि वह किसी भी सूचना को छुपा सकती थी। आजादी के बाद भी संविधान में इसमें कोई संशोधन नहीं हुआ जिससे सरकार जनता से सूचनाओं छुपाती रही , सूचना का अधिकार की मांग सबसे पहले राजस्थान में चली । 1990 में सूचना के अधिकार के लिए जन आंदोलन भी हुए, 1989 में कांग्रेस सरकार के गिरने के बाद बीपी सिंह ने सूचना के अधिकार कानून लाने का वादा किया । बाद में सरकार ज्यादा ना टिक पाई , जिससे यह शांत हो गया, फिर 2002 में इस विधेयक को संसद में रखा और फिर 2003 में राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। लेकिन नियमावली में के चक्कर में इसको लागू नहीं किया गया । 12 मार्च 2005 इसे सूचना के अधिकार का अधिनियम 2005 में संसद में पारित किया । 15 जून 2005 में राष्ट्रपति ने इसको अनुमति दे दी । 12 अक्टूबर 2005 को जम्मू कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू किया । इसी के साथ ही 2002 का विधेयक को निरस्त कर दिया गया ।

सूचना के अधिकार से जुड़े फायदे

  • कोई भी नागरिक R.T.I. के तहत किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकता है
  • इसमें आप सभी प्रकार के सरकारी कार्यालय जैसे – स्कूल , कॉलेज , पुलिस , बिजली कंपनियों आदि इसके अंदर आते हैं.
  • इसमें सरकार से जुड़े गुप्त जानकारी / सूचनाओं प्राप्त नहीं कर सकते यह R.T.I.
    अंतर्गत नहीं आता।
  • R.T.I. के तहत आप सरकारी विभाग के द्वारा विकास कार्यों में किया गया खर्च तथा उनके उनसे जुड़े जानकारी पर सवालों के बारे में जानकारी मांग सकते हैं।

सूचना का अधिकार लगाने की प्रक्रिया

  • आप आवेदन का पत्र इंटरनेट से प्रिंट कर सकते हैं या सफेद कागज पर लिख सकते हैं फॉर्मेट की सहायता से।
  • हर सरकारी संगठन में एक कर्मचारी होता है, जो सार्वजनिक सूचना अधिकारी I.P.O. के लिए नियुक्ति होता है जिसकी जिम्मेदारी होती है कि वह 30 दिनों के अंदर यह जानकारी आपको दें। यह आवेदन आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं।
  • सूचना का अधिकार आप किसी भी राजकीय भाषा या हिंदी या इंग्लिश में लिख सकते हैं
  • इसका जवाब आपको 30 दिनों के अंदर मिल जाएगा अगर ऐसा नहीं होता है तो आप अपील कर सकते हैं
  • आवेदन पत्र के साथ आपको ₹10 की जमा राशि देना पड़ेगा।
  • अगर आपके द्वारा मांगे गए जानकारी की संख्या ज्यादा बड़ी हो तो आपको प्रिंट कॉपी की राशि देना पड़ेगा । जो प्रिंट कॉपी आपको दी जाएगी।
  • अगर कोई सूचना जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है तो वह 48 घंटे के उपलब्ध कराया जाएगा।
  • अगर संगठन द्वारा दी गई सूचना से आप संतुष्ट प्राप्त नहीं करते है तो आपको अपील करने का अधिकार होता है।

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